शेयर मार्केट कैसे काम करता है? how does stock market work in india

शेयर मार्केट कैसे काम करता है? how does stock market work in india शेयर मार्केट, जिसे स्टॉक मार्केट भी कहा जाता है, एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां कंपनियां अपनी पूंजी जुटाने के लिए शेयर जारी करती हैं और निवेशक उनमें हिस्सेदारी खरीदकर लाभ कमाने का प्रयास करते हैं। यह बाजार भारत की अर्थव्यवस्था का आईना है, जहां रोजाना अरबों रुपये का लेन-देन होता है। अगर आप सामान्य भारतीय हैं—चाहे पुरुष हों या महिला—और शेयर मार्केट में रुचि रखते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। यहां हम शेयर मार्केट की बुनियादी बातों से लेकर उन्नत अवधारणाओं तक की चर्चा करेंगे, ताकि आप बिना किसी जोखिम के निवेश शुरू कर सकें।

how does stock market work in india यह आर्टिकल लिस्टिकल स्टाइल में लिखा गया है, जहां हर सेक्शन में प्रमुख बिंदु बुलेट पॉइंट्स में दिए गए हैं। हम ऐतिहासिक तथ्यों, वर्तमान ट्रेंड्स और विशेषज्ञ सलाह पर आधारित जानकारी साझा करेंगे, जो SEBI, NSE और BSE जैसे आधिकारिक स्रोतों से ली गई है। चलिए शुरू करते हैं!

Table of Contents

महत्वपूर्ण लिंक्स

नीचे शेयर मार्केट से जुड़े प्रमुख संसाधनों की टेबल दी गई है, जो आपको और गहराई से समझने में मदद करेंगे:

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संसाधन का नाम विवरण लिंक
NSE India लाइव मार्केट डेटा, इंडेक्स और ट्रेडिंग अपडेट्स nseindia.com
BSE India सेंसेक्स, ऐतिहासिक डेटा और कंपनी एनालिसिस bseindia.com
SEBI Investor Education निवेशक सुरक्षा, रेगुलेशन और जागरूकता कार्यक्रम sebi.gov.in
Zerodha Varsity फ्री शेयर मार्केट कोर्स हिंदी में zerodha.com/varsity
Groww Blog शुरुआती निवेशकों के लिए गाइड और टूल्स groww.in/blog

ये लिंक्स आपको रीयल-टाइम जानकारी और शिक्षा प्रदान करेंगे। हमेशा आधिकारिक साइट्स का उपयोग करें ताकि कोई गलत जानकारी न मिले।

शेयर मार्केट कैसे काम करता है? How stock market works in hindi?

शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के सिद्धांत पर चलता है। कंपनियां शेयर जारी करके पूंजी जुटाती हैं, जबकि निवेशक उन्हें खरीदकर कंपनी के मालिक बनते हैं। यहां प्रमुख बिंदु:

  • प्राइमरी मार्केट: कंपनियां पहली बार शेयर जारी करती हैं (जैसे IPO)। निवेशक सीधे कंपनी से शेयर खरीदते हैं, जो विकास के लिए फंड प्रदान करता है।
  • सेकंडरी मार्केट: लिस्टेड शेयरों की खरीद-बिक्री होती है। यहां कीमतें मांग-आपूर्ति से तय होती हैं—अधिक खरीदार होने पर भाव बढ़ता है।
  • ट्रेडिंग प्रक्रिया: ब्रोकर के माध्यम से ऑर्डर प्लेस करें। T+1 सेटलमेंट साइकल के तहत शेयर 1 दिन में अकाउंट में आ जाते हैं।
  • प्रभावित कारक: कंपनी की कमाई, आर्थिक समाचार, वैश्विक घटनाएं (जैसे US फेड रेट कट) और निवेशक सेंटिमेंट।
  • रिस्क मैनेजमेंट: डाइवर्सिफिकेशन अपनाएं—सभी पैसे एक शेयर में न लगाएं।

भारत में 2025 तक 23 करोड़ से अधिक रजिस्टर्ड निवेशक हैं, जो मार्केट कैप को $5 ट्रिलियन तक पहुंचा चुके हैं।

शेयर मार्केट क्या है? What is Share Market in Hindi

शेयर कैसे खरीदते और बेचते हैं? (How to buy and sell shares?)

शेयर खरीदना-बेचना अब मोबाइल ऐप से संभव है। स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया:

  • डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलें: PAN, आधार, बैंक स्टेटमेंट जैसे दस्तावेज जमा करें। प्रक्रिया 15 मिनट में ऑनलाइन पूरी होती है।
  • ऐप लॉगिन करें: ब्रोकर ऐप (जैसे Groww, Zerodha) पर लॉगिन करें और फंड ऐड करें।
  • शेयर सर्च करें: टिकर सिंबल (जैसे RELIANCE) सर्च करें, क्वांटिटी और प्राइस चुनें।
  • ऑर्डर प्लेस: मार्केट ऑर्डर (वर्तमान प्राइस पर) या लिमिट ऑर्डर (विशिष्ट प्राइस पर) चुनें। खरीदने पर फंड डेबिट, बेचने पर क्रेडिट होता है।
  • मॉनिटर करें: पोर्टफोलियो सेक्शन में ट्रैक करें। इंट्राडे में उसी दिन बेचें, डिलीवरी में होल्ड करें।
  • टैक्स: शॉर्ट-टर्म गेन (1 साल से कम) पर 15% टैक्स, लॉन्ग-टर्म पर 10% (1 लाख से ऊपर)।

2025 में न्यूनतम निवेश 500 रुपये से शुरू हो सकता है। सावधानी: हमेशा रिसर्च करें।

शेयर मार्केट को कौन चलाता है?

शेयर मार्केट SEBI (Securities and Exchange Board of India) द्वारा रेगुलेट होता है, जो 1992 से कार्यरत है। प्रमुख खिलाड़ी:

  • SEBI: रेगुलेटर, निवेशक सुरक्षा सुनिश्चित करता है। यह फ्रॉड रोकता है और पारदर्शिता लाता है।
  • NSE और BSE: ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म। NSE 1992 में स्थापित, इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग का पायनियर; BSE 1875 का, एशिया का सबसे पुराना।
  • ब्रोकर: मध्यस्थ, जैसे Zerodha, Angel One। वे ऑर्डर एक्जीक्यूट करते हैं।
  • डिपॉजिटरी: NSDL और CDSL, शेयरों को डीमैट फॉर्म में रखते हैं।
  • FII/DII: विदेशी/घरेलू संस्थागत निवेशक, बाजार को दिशा देते हैं।

SEBI ने 2025 में साइबर सिक्योरिटी फ्रेमवर्क लॉन्च किया, जो निवेशकों को सुरक्षित रखता है।

how does stock market work in india

पुराने जमाने में शेयर बाजार कैसे काम करता था?

1875 से पहले, BSE एक अनौपचारिक बाजार था जहां ब्रोकर्स दलाल स्ट्रीट पर मिलते थे। प्रमुख चरण:

  • 1875-1990: फिजिकल सर्टिफिकेट्स से ट्रेडिंग। 1865 में पहला क्रैश, अफवाहों से प्रभावित।
  • ओपन आउटक्राई सिस्टम: ब्रोकर्स चिल्लाकर डील करते थे, जो धीमा और जोखिमपूर्ण था।
  • 1992 में बदलाव: NSE ने इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग शुरू की, स्क्रीन-बेस्ड सिस्टम से पारदर्शिता आई।
  • डीमैटाइजेशन (1996): फिजिकल से डिजिटल शिफ्ट, जो फ्रॉड कम करता है।
  • ऐतिहासिक क्रैश: 1992 हर्षद मेहता स्कैम से 40% गिरावट; 2008 ग्लोबल क्राइसिस से 60% डाउन।

आज डिजिटल ट्रेडिंग ने इसे सुलभ बना दिया, लेकिन पुराने जमाने की सीख: रिसर्च जरूरी।

शेयर मार्केट क्या है और कैसे चलता है? (A to Z पूरी जानकारी)

स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है? (How stock exchange works in hindi?)

स्टॉक एक्सचेंज शेयरों का केंद्रीय बाजार है। NSE/BSE पर ट्रेडिंग:

  • ट्रेडिंग सेशन: प्री-ओपन (9:00-9:15 AM), नॉर्मल (9:15-3:30 PM), पोस्ट-क्लोज (3:40-4:00 PM)।
  • ऑर्डर मैचिंग: एल्गोरिदम खरीदार-विक्रेता को मैच करता है। मार्केट ऑर्डर तुरंत, लिमिट स्पेसिफिक प्राइस पर।
  • सेटलमेंट: T+1, यानी ट्रेड के 1 दिन बाद शेयर/पैसे एक्सचेंज।
  • सर्किट ब्रेकर: 10%/15%/20% गिरावट पर ट्रेडिंग रुकती है, पैनिक रोकने के लिए।
  • ओपन इंटरेस्ट: डेरिवेटिव्स में अनसेटल्ड कॉन्ट्रैक्ट्स, वॉल्यूम इंडिकेटर।

2025 में NSE पर 3,000+ स्टॉक्स ट्रेड होते हैं, कुल टर्नओवर ₹2.7 लाख करोड़।

निफ़्टी और सेंसेक्स कैसे काम करता है? (How sensex and nifty works in hindi?)

ये इंडेक्स मार्केट के स्वास्थ्य को मापते हैं। गणना विधि:

  • सेंसेक्स (BSE): 30 बड़ी कंपनियों का फ्री-फ्लोट मार्केट कैप वेटेड इंडेक्स। फॉर्मूला: (कुल फ्री-फ्लोट कैप / डिवाइडर) x बेस वैल्यू (100)। 1979 बेस ईयर।
  • निफ्टी (NSE): 50 कंपनियों का, फ्री-फ्लोट कैप वेटेड। फॉर्मूला: (कुल कैप / डिवाइडर) x 1000 (1995 बेस)।
  • उतार-चढ़ाव: कंपनी परफॉर्मेंस, GDP ग्रोथ, इन्फ्लेशन से प्रभावित। 2025 में निफ्टी 25,000+ पर।
  • उपयोग: बेंचमार्क, ETF ट्रैकिंग के लिए।
  • ट्रेंड: ऐतिहासिक रूप से 10-12% सालाना रिटर्न।

हाइलाइट टेबल: निफ्टी vs सेंसेक्स

पैरामीटर निफ्टी सेंसेक्स
कंपनियां 50 (विभिन्न सेक्टर) 30 (बड़े कैप)
बेस वैल्यू 1000 100
वेटिंग फ्री-फ्लोट कैप फ्री-फ्लोट कैप
कवरेज 62% NSE कैप 45% BSE कैप

शेयर बाजार में बुल और बियर कैसे काम करते हैं?

बुल (तेजी) और बियर (मंदी) मार्केट सेंटिमेंट दर्शाते हैं:

  • बुल मार्केट: कीमतें 20%+ बढ़ती हैं। निवेशक आशावादी, खरीदारी बढ़ती है। कारण: मजबूत GDP, कम ब्याज दरें। उदाहरण: 2021-2023 रैली।
  • बियर मार्केट: 20% गिरावट। बिकवाली बढ़ती, डर हावी। कारण: महंगाई, जियोपॉलिटिकल टेंशन। उदाहरण: 2008 क्रैश।
  • ट्रांजिशन: VIX इंडेक्स (वोलेटिलिटी) मापता है—15 से कम स्थिर, 35+ अस्थिर।
  • रणनीति: बुल में खरीदें, बियर में होल्ड या डिफेंसिव स्टॉक्स चुनें।
  • 2025 ट्रेंड: FII इनफ्लो से बुलिश सेंटिमेंट।

हाइलाइट टेबल: बुल vs बियर

विशेषता बुल मार्केट बियर मार्केट
कीमतें बढ़ती (20%+) गिरती (20%+)
सेंटिमेंट आशावादी निराशावादी
रणनीति खरीदें, होल्ड बेचें, कैश होल्ड
अवधि महीनों-वर्षों 6-18 महीने

शेयर मार्केट में आईपीओ क्या होता है और ये कैसे काम करता है?

IPO (Initial Public Offering) कंपनी का पहला पब्लिक शेयर इश्यू है। प्रक्रिया:

  • चरण 1: कंपनी SEBI से अप्रूवल लेती है, DRHP (ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस) फाइल करती है।
  • चरण 2: प्राइस बैंड सेट, रोडशो। रिटेल/इंस्टीट्यूशनल कोटा।
  • चरण 3: सब्सक्रिप्शन ओपन (3-5 दिन), लॉट साइज (जैसे 100 शेयर)।
  • चरण 4: अलॉटमेंट, लिस्टिंग (NSE/BSE)। ग्रे मार्केट प्रीमियम से अंदाजा।
  • दस्तावेज: PAN, आधार, बैंक डिटेल्स, कैंसिल्ड चेक। ASBA (UPI) से अप्लाई।
  • जोखिम: ओवरसब्सक्राइब्ड IPO लिस्टिंग गेन देते हैं, लेकिन रिसर्च जरूरी।

2025 में 200+ IPOs आए, औसत 20% लिस्टिंग गेन।

हाइलाइट टेबल: IPO दस्तावेज

दस्तावेज प्रकार आवश्यक दस्तावेज
KYC PAN, आधार, फोटो
बैंक कैंसिल्ड चेक, स्टेटमेंट
अन्य इनकम प्रूफ (फॉर्म 16, ITR)

शेयर मार्केट में लोग नुकसान कैसे करते हैं?

नुकसान भावनाओं और गलतियों से होता है। सामान्य कारण:

  • इमोशनल ट्रेडिंग: FOMO (फियर ऑफ मिसिंग आउट) से हाई पर खरीदना, पैनिक से लो पर बेचना।
  • रिसर्च की कमी: टिप्स पर भरोसा, फंडामेंटल्स (EPS, P/E) न देखना।
  • ओवरट्रेडिंग: ज्यादा ट्रांजेक्शन से ब्रोकरेज बढ़ना।
  • डाइवर्सिफिकेशन न करना: सारा पैसा एक स्टॉक में।
  • स्टॉप-लॉस न लगाना: 10% गिरावट पर ऑटो-सेल सेट न करना।
  • लॉन्ग-टर्म इग्नोर: इंट्राडे फोकस से कंपाउंडिंग मिस।
  • मार्केट टाइमिंग: टॉप/बॉटम पकड़ने की कोशिश।
  • लीवरेज एब्यूज: मार्जिन से ज्यादा रिस्क।
  • न्यूज पर रिएक्ट: अफवाहें बिना वेरिफाई।
  • टैक्स इग्नोर: LTCG/STCG कैलकुलेशन न करना।

सलाह: 80% रिसर्च, 20% इंट्यूशन। 90% रिटेल ट्रेडर्स लॉस करते हैं, लेकिन एजुकेशन से बचें।

हाइलाइट टेबल: सामान्य गलतियां

गलती प्रभाव समाधान
इमोशनल ट्रेडिंग पैनिक सेल जर्नल रखें
रिसर्च की कमी खराब स्टॉक फंडामेंटल एनालिसिस
ओवरट्रेडिंग हाई फीस 5-10 ट्रेड/महीना

क्या होगा अगर शेयर बेचने वाले तो हो लेकिन शेयर खरीदने वाले नहीं?

यह लिक्विडिटी की कमी दर्शाता है। प्रभाव:

  • प्राइस स्लिपेज: बेचने वाले कीमत कम करने को मजबूर, भाव गिरता है।
  • ट्रेड डिले: ऑर्डर मैच न होने से वेटिंग।
  • मार्केट इम्पैक्ट: स्मॉल कैप स्टॉक्स में ज्यादा, जहां वॉल्यूम कम।
  • उदाहरण: पेनी स्टॉक्स में 0 खरीदार—बिक्री असंभव।
  • समाधान: लार्ज कैप चुनें (हाई लिक्विडिटी), लिमिट ऑर्डर यूज, मार्केट ऑर्डर से बचें।
  • SEBI नियम: सर्किट लिमिट (5-20%) से प्रोटेक्ट।

2025 में NSE पर औसत डेली वॉल्यूम 463 करोड़ शेयर, लिक्विडिटी हाई।

हर साल निफ़्टी और सेंसेक्स क्यों बढ़ते हैं? (Why sensex and nifty go up every year?)

ऐतिहासिक ट्रेंड: 1990 से 12% CAGR। कारण:

  • GDP ग्रोथ: भारत 7%+ ग्रोथ, कंपनियां प्रॉफिटेबल।
  • FII इनफ्लो: $32,000 करोड़ (2025 मार्च), विदेशी पूंजी।
  • कॉर्पोरेट अर्निंग्स: EPS बढ़ना, डिविडेंड।
  • लो इंटरेस्ट रेट्स: RBI कट्स से उधार सस्ता, निवेश बढ़ा।
  • डिजिटलाइजेशन: UPI, डीमैट से रिटेल पार्टिसिपेशन (23 करोड़+)।
  • ट्रेंड: 2000 से 2025 तक सेंसेक्स 5,000 से 84,000+।
  • जोखिम: इन्फ्लेशन (6%) रिटर्न खाता है।

हाइलाइट टेबल: ऐतिहासिक रिटर्न

दशक औसत रिटर्न (%) प्रमुख कारण
2000-2010 15 IT बूम
2010-2020 10 GST, डिजिटल इंडिया
2020-2025 12 COVID रिकवरी, FII

देश की इकॉनमी का शेयर मार्केट पर क्या प्रभाव पड़ता है?

इकॉनमी और मार्केट जुड़े हैं। प्रभाव:

  • GDP: हाई ग्रोथ (7%) से कॉर्पोरेट प्रॉफिट बढ़े, इंडेक्स ऊपर।
  • इन्फ्लेशन: 4-6% आदर्श; हाई (8%+) से RBI रेट हाइक, मार्केट डाउन।
  • इंटरेस्ट रेट्स: लो रेट्स (6.5%) से उधार आसान, स्टॉक्स अप; हाई से बॉन्ड शिफ्ट।
  • अन्य: बेरोजगारी कम से कंजम्पशन बढ़ा; FII से कैपिटल फ्लो।
  • 2025 उदाहरण: 7.2% GDP से निफ्टी 9% अप।
  • रणनीति: इकोनॉमिक कैलेंडर ट्रैक करें।

हाइलाइट टेबल: इकोनॉमिक फैक्टर्स

फैक्टर प्रभाव (हाई) प्रभाव (लो)
GDP पॉजिटिव, ग्रोथ नेगेटिव, मंदी
इन्फ्लेशन नेगेटिव, रेट हाइक पॉजिटिव, सस्ता उधार
रेट्स नेगेटिव, निवेश कम पॉजिटिव, स्टॉक्स अप

वास्तव में शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट कैसे काम करता है?

वास्तविकता: डिमांड-सप्लाई से प्राइस मूवमेंट।

  • खरीदार-विक्रेता मैच: एल्गो से ऑटोमेटेड।
  • वॉल्यूम: हाई वॉल्यूम से लिक्विडिटी।
  • सेंटिमेंट: न्यूज, अर्निंग्स से प्रभाव।
  • ग्लोबल लिंक: US मार्केट (Dow) से 70% कोरिलेशन।
  • 2025 फैक्ट: ₹459 लाख करोड़ कैप, 23 करोड़ निवेशक।

शेयर का भाव ऊपर नीचे कैसे होता है?

भाव मूवमेंट फैक्टर्स:

  • कंपनी न्यूज: अर्निंग्स बीट से अप।
  • मैक्रो: RBI रेट कट से बुल।
  • सेक्टर ट्रेंड: IT बूम से टेक अप।
  • वॉल्यूम: हाई बाय से प्राइस अप।
  • टेक्निकल: सपोर्ट/रेजिस्टेंस ब्रेक।

उदाहरण: 2025 में AI हाइप से टेक स्टॉक्स 20% अप।

सेंसेक्स और निफ्टी में उतार-चढ़ाव कैसे होता है?

वोलेटिलिटी कारण:

  • VIX: 15+ पर हाई वोल, ट्रेडर्स कैशियस।
  • ग्लोबल इवेंट्स: US इलेक्शन से 5% स्विंग।
  • अर्निंग्स: क्वार्टरली रिपोर्ट से 2-3% मूव।
  • FII फ्लो: आउटफ्लो से डाउन।
  • ट्रेंड: 2025 में 9.4% मार्च रैली।

शेयर मार्केट को कौन ऑपरेट करता है?

SEBI मुख्य ऑपरेटर, NSE/BSE प्लेटफॉर्म। डिटेल्स ऊपर।

निष्कर्ष

शेयर मार्केट एक शक्तिशाली टूल है जो आपकी वित्तीय स्वतंत्रता का द्वार खोल सकता है। हमने देखा कि यह डिमांड-सप्लाई से चलता है, SEBI की निगरानी में सुरक्षित है, और लॉन्ग-टर्म में 10-12% रिटर्न देता है। लेकिन सफलता रिसर्च, धैर्य और डाइवर्सिफिकेशन से आती है। शुरुआत छोटे से करें—500 रुपये से SIP शुरू करें। याद रखें, मार्केट उतार-चढ़ाव सिखाता है, लेकिन ज्ञान स्थिरता देता है। आज ही डीमैट खोलें और भारत की ग्रोथ स्टोरी का हिस्सा बनें। निवेश से पहले सलाह लें, और हमेशा E-E-A-T (Experience, Expertise, Authoritativeness, Trustworthiness) का पालन करें। स्मार्ट निवेशक बनें, अमीर न बनें—समृद्ध बनें!

FAQs related share market kaise kaam karta hai

  1. शेयर मार्केट में न्यूनतम निवेश कितना है? कोई न्यूनतम नहीं; 100-500 रुपये से शुरू करें। SIP से छोटे अमाउंट लगाएं।
  2. डीमैट अकाउंट खोलने में कितना समय लगता है? ऑनलाइन 15-30 मिनट; KYC वेरिफिकेशन के बाद 1-2 दिन।
  3. शेयर मार्केट सुरक्षित है? SEBI रेगुलेशन से हां, लेकिन रिस्क मैनेज करें। लॉन्ग-टर्म में सुरक्षित।
  4. IPO में कैसे अप्लाई करें? UPI/ASBA से ब्रोकर ऐप पर। लॉट साइज चेक करें।
  5. बुल और बियर मार्केट में क्या करें? बुल में खरीदें, बियर में होल्ड या डिफेंसिव स्टॉक्स चुनें।
  6. शेयर प्राइस क्यों बदलती है? डिमांड-सप्लाई, न्यूज, इकोनॉमी से। VIX से वोलेटिलिटी मापें।
  7. शेयर मार्केट से टैक्स कैसे लगता है? LTCG (1 साल+) पर 10% (1 लाख से ऊपर); STCG पर स्लैब रेट।

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